सफेद मूसली को मानव मात्र के लिए प्रकृति द्वारा प्रदत्त अमूल्य उपहार कहा जाए तो शायद अतिश्योक्ति नहीं होगी। अनेकों आयुर्वेदिक एलोपैथिक तथा यूनानी दवाईयों के निर्माण हेतु प्रयुक्त होने वाली इस दिव्य जड़ी-बूटी की विश्वभर में वार्षिक उपलब्धता लगभग 5000 टन है जबकि इसकी माँग लगभग 35000 टन प्रतिवर्ष आँकी गई है। सफेद मूसली 8-9 महीनें की फसल है जिसे मानसून में लगाकर फरवरी-मार्च में खोद लिया जाता है। अच्छी खेती के लिए यह आवश्यक हे कि खेतों की गर्मी में गहरी जुताई की जाय।
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